डॉ सविता प्रसाद
आधुनिक काल से ही बंगाल कला सृजन में पर्याप्त एवं समृद्ध रहा है, जिसकी कला क्षेत्र में आज भी अपनी पहचान है। महान विभूतियों को जन्म देने वाली बंगाल की उर्वरा भूमि में ही ‘‘श्री सुधीर रंजन खास्तगीर जी’’ जैसे कलाकारों का जन्म लेना स्वभाविक था। ‘खास्तगीर’ जी एक आलौकिक प्रतिभा सम्पन्न कलाकार थे। मेरी दृष्टि में कलाकार की सफलता का रहस्य उनके द्वारा स्थापित जीवन मूल्यों में होता है। ये मूल्य सत्यं शिवं सुन्दरम् के जितने निकट होगें कलाकार उतना ही सफल माना जायेगा। कलाकार की उच्चता का सबसे बड़ा मापदण्ड ही उसकी कला में वस्तुगत एवं आत्मगत सौन्दर्य का समन्वय है।
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