Abstract:
”पूर्ण प्रशासकीय नियन्त्रण, एकरूपता एवं निश्चितता स्थापित करने की स्वाभाविक इच्छा तथा शासकीय प्रशासन को स्थानीय सार्वजनिक भावनाओं को ध्यान में रखकर शासन करने की जनता की माँग में समन्वय स्थापित करना संगठन की एक महत्वपूर्ण समस्या है”। ये ही दो बातें हमारे शासन में दिखायी देती हैं। सरकार के समक्ष आज मुख्य समस्या यह है कि केन्द्रीकरण कियाजाय अथवा विकेन्द्रीकरण। एक ओर नियोजित अर्थव्यवस्था एवं सशक्त व प्रभावशाली प्रतिरक्षा तथा राष्ट्रीय एकता की आवश्यकता केन्द्रीकरण पर बल देती है तो दूसरी ओर सामान्य जनसहयोग से लोकतन्त्र की स्थापना का आश्वासन एवं क्षेत्राीय स्वायत्तता की बढ़ती हुई माँग विकेन्द्रीकरण का समर्थन करती है। योजना आयोग केन्द्रीकरण का प्रतीक है तो पंचायत राज विकेन्द्रीकरण की प्रवृत्ति का।