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International Journal of Humanities and Arts

Vol. 5, Issue 2, Part A (2023)

पण्डित मधुसूदन ओझा विरचित व्याकरणविनोद में प्रतिपादित ‘अव्ययीभावसमास’ का अवलोकन

Author(s):

डॉ. सोमवीर सिंघल

Abstract:

आचार्य पण्डित मधुसूदन ओझा जी ने संस्कृत साहित्य में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। उन्होंने लगभग 200 ग्रन्थों की रचना की, जिनमें से अधिकांश अनुपलब्ध हैं। उनके व्याकरणशास्त्र पर आधारित ग्रन्थ 'व्याकरणविनोद' में अव्ययीभाव समास पर गहराई से विवेचना की गई है। इस ग्रन्थ में छः प्रकरण हैं, जिनमें समास, तद्धित, नामधातु, प्रक्रिया, कृदन्त, और अव्यय परिच्छेद शामिल हैं। ओझा जी ने अव्ययीभाव समास के विभिन्न पहलुओं का विस्तृत विश्लेषण किया, जिसमें समास के भेद और अव्ययीभाव के प्रमुख लक्षणों को समझाया गया है।

Pages: 48-52  |  35 Views  12 Downloads


International Journal of Humanities and Arts
How to cite this article:
डॉ. सोमवीर सिंघल. पण्डित मधुसूदन ओझा विरचित व्याकरणविनोद में प्रतिपादित ‘अव्ययीभावसमास’ का अवलोकन. Int. J. Humanit. Arts 2023;5(2):48-52. DOI: 10.33545/26647699.2023.v5.i2a.87
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