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International Journal of Humanities and Arts
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Vol. 7, Issue 1, Part B (2025)

महाबोधि मंदिर एवं बौद्ध नियंत्रण आंदोलन: ऐतिहासिक तथा सांस्कृतिक परिप्रेक्ष्य में समाजशास्त्रीय विवेचन

Author(s):

धीरज प्रताप मित्र, अमर सिंह

Abstract:
महाबोधि मंदिर बौद्ध धर्म का सर्व प्रमुख तीर्थ स्थल है जिसे सम्राट अशोक द्वारा तीसरी शताब्दी ईसा पूर्व में निर्मित कराया गया था। प्रस्तुत शोध आलेख इस मंदिर के ऐतिहासिक, सांस्कृतिक, धार्मिक, स्थापत्य एवं कानूनी पहलुओं की गहन पड़ताल करता है। इस आलेख में महाबोधि मंदिर की उत्पत्ति, विभिन्न शासकों द्वारा संरक्षण, मध्यकालीन हिंदू प्रभाव, ब्रिटिश काल में पुनरुद्धार तथा आधुनिक कानूनी विवादों एवं मंदिर पर पूर्ण बौद्ध नियंत्रण विषयक आन्दोलनों का विश्लेषण किया गया है। बौद्ध पुनरुद्धार आंदोलन, महाबोधि सोसाइटी की भूमिका तथा अयोध्या दास जैसे बौद्ध नेताओं के योगदान पर भी चर्चा की गई है। स्वतंत्रता प्राप्ति के पश्चात् मंदिर प्रशासन को लेकर हिंदू तथा बौद्ध समुदायों के बीच विवाद बढ़ा, जिसके समाधान हेतु 1949 में बिहार सरकार ने महाबोधि मंदिर अधिनियम पारित किया। वर्तमान में, भारतीय तथा अंतरराष्ट्रीय बौद्ध संगठन इस मंदिर पर पूर्ण बौद्ध नियंत्रण की माँग कर रहे हैं। प्रस्तुत शोध आलेख में कानूनी विवादों, न्यायालय में दायर याचिकाओं तथा बिहार सरकार एवं केंद्र सरकार की भूमिका का भी मूल्यांकन किया गया है। इसके अतिरिक्त, महाबोधि मंदिर की यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल के रूप में मान्यता, पर्यटन एवं संरक्षण प्रयासों का वैश्विक प्रभाव भी विश्लेषित किया गया है। निष्कर्षतः यह आलेख महाबोधि मंदिर प्रशासन की जटिलताओं, बहुलतावादी दृष्टिकोण तथा बौद्ध समुदाय की मांगों के संभावित समाधानों पर प्रकाश डालता है।

Pages: 96-101  |  34 Views  12 Downloads


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How to cite this article:
धीरज प्रताप मित्र, अमर सिंह. महाबोधि मंदिर एवं बौद्ध नियंत्रण आंदोलन: ऐतिहासिक तथा सांस्कृतिक परिप्रेक्ष्य में समाजशास्त्रीय विवेचन. Int. J. Humanit. Arts 2025;7(1):96-101. DOI: 10.33545/26647699.2025.v7.i1b.125
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