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International Journal of Humanities and Arts
Peer Reviewed Journal

Vol. 7, Issue 1, Part D (2025)

प्रारंभिक संघर्ष और टकराव: बाबर और हुमायूँ के काल में राजपूतों से संबंध

Author(s):

खुशबू कुमारी

Abstract:

बाबर और हुमायूँ के शासनकाल में राजपूतों के साथ कई संघर्ष और टकराव हुए, जो भारतीय उपमहाद्वीप की राजनीति और साम्राज्य विस्तार के लिए महत्वपूर्ण थे। बाबर, जो भारतीय उपमहाद्वीप में मुघल साम्राज्य की नींव रखने वाले पहले शासक थे, ने राजपूतों के खिलाफ कई युद्ध लड़े। उनका सबसे प्रसिद्ध संघर्ष पानीपत की पहली लड़ाई (1526) था, जिसमें उन्होंने दिल्ली के सुलतान इब्राहीम लोदी को हराया। इसके बाद, राजपूतों के साथ उनका संघर्ष जारी रहा, खासकर राजपूत राजा राणा सांगा से। बाबर ने राणा सांगा के खिलाफ खानवा की लड़ाई (1527) लड़ी, जो राजपूतों के खिलाफ मुघल साम्राज्य की एक महत्वपूर्ण विजय थी। हुमायूँ के शासनकाल में भी राजपूतों के साथ संबंध जटिल रहे। हुमायूँ ने कुछ समय के लिए राजपूतों के साथ गठबंधन भी किया था, जैसे कि मालवा के राजा के साथ, लेकिन संघर्ष भी जारी रहे। हुमायूँ ने अपने पुनर्वास के दौरान, राजपूतों से सहयोग प्राप्त करने की कोशिश की, लेकिन मुघल साम्राज्य के विस्तार में राजपूतों का विरोध महत्वपूर्ण था। राजपूतों का संघर्ष मुघल साम्राज्य की स्थिरता और विस्तार में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, जहां उनका सैन्य शक्ति और रणनीतिक क्षमता दोनों बार-बार मुघल साम्राज्य के खिलाफ चुनौती प्रस्तुत करती थी।

Pages: 242-247  |  520 Views  115 Downloads


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How to cite this article:
खुशबू कुमारी. प्रारंभिक संघर्ष और टकराव: बाबर और हुमायूँ के काल में राजपूतों से संबंध. Int. J. Humanit. Arts 2025;7(1):242-247. DOI: 10.33545/26647699.2025.v7.i1d.147
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