Abstract:
यह अध्ययन राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 (NEP 2020) का समाजशास्त्रीय दृष्टिकोण से मूल्यांकन करता है, जिसमें समावेशिता और समानता के सिद्धांतों की प्रभावशीलता को विश्लेषित किया गया है। ग्रामीण और शहरी विद्यालयों में डिजिटल संसाधनों की उपलब्धता, शिक्षक प्रशिक्षण, बहुभाषी सामग्री, छात्र-शिक्षक अनुपात, ड्रॉपआउट दर और पारिवारिक आर्थिक पृष्ठभूमि जैसे कारकों पर आधारित आंकड़ों का तुलनात्मक विश्लेषण प्रस्तुत किया गया है। शोध से यह स्पष्ट हुआ कि नीति के समावेशी उद्देश्य तभी साकार हो सकते हैं जब सामाजिक, आर्थिक और लैंगिक विषमताओं को जमीनी स्तर पर संबोधित किया जाए। यह अध्ययन बताता है कि डिजिटल शिक्षा की समान पहुँच केवल तकनीकी सुधार नहीं, बल्कि सामाजिक न्याय की अनिवार्यता है। समाजशास्त्रीय सिद्धांतों — जैसे पियरे बौर्डियू की सांस्कृतिक पूंजी, अंबेडकरवादी दृष्टिकोण, और गिडेन्स की संरचनात्मकता — की सहायता से इस शोध में यह स्थापित किया गया है कि शिक्षा तक पहुँच में असमानता सामाजिक ढांचे की जटिलताओं से गहराई से जुड़ी हुई है।